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शाही मैसूर सैंडल सॉप

भारत में साबुन के कितने ही ब्रांड है व कितने ही ब्रांड ऐसे हैं, जो अब मार्केट से गायब हो चुके हैं अन्यथा मार्केट में उपलब्ध नहीं है . अब हम जब साबुन की बात कर ही रहे हैं. तो यह बात भी दिमाग में आती है कि साबुन का सबसे पुराना ब्रांड कौन सा है. साबुन का सबसे पुराना ब्रांड इ इंडिया का ही है "शाही मैसूर सैंडल सॉप". अपने देश का सबसे पुराना साबुन मैसूर सैंडल को बनाने का श्रेय मैसूर के शासक कृष्ण राजा वोडियार चतुर्थ व दीवान  मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की मदद से बनना शुरू हुआ. देश के सबसे महंगे व पुराने साबुन मैसूर सैंडल सॉप आज भी अपनी गुणवत्ता के कारण मार्केट में अपनी छाप बनाए हुआ है व दुनिया भर में अपनी खुशबू बिखेर रहा है. मैसूर सैंडल सॉप चंदन की लकड़ियां से निकले तेल से तैयार किया जाता है. चंदन की लकड़ी से तेल बनाना:-     भारत में मैसूर दुनिया में चंदन के उत्पाद को में से एक था और यहां तक कि अधिकांश लकड़ियां यूरोप को निर्यात करता था .बात प्रथम विश्व युद्ध के दौरान की है. 1916 में मैसूर के शासक कृष्ण राजा वोडियार चतुर्थ व दीवान  मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने चंदन की लकड़ी से त...

7 महिलाओं द्वारा मात्र ₹80 में शुरू किया गया यह कारोबार देश में 5 करोड़ों कमा रहा है। लिज्जत पापड़

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  लिज्जत पापड़ आज मार्केट, सुपरमार्केट आप कहीं भी घूमने जाएं दुनियाभर के प्रोडक्ट देखने को मिलते हैं। इन प्रोडक्ट को बनाने वाले लोगों के भी अपनी कहानी अपना इतिहास है लेकिन आज हम जिस प्रोडक्ट की बात कर रहे हैं उसको बनाने बाला कोई बड़ी हस्ती नहीं बल्कि कुछ महिलाओं है।  अपने समय का मशहूर विज्ञापन ""कुर्रम, कुर्रम, कुर्रम, कुर्रम, ।। स्वाद, स्वाद में लिज्जत लिज्जत पापड़"" हम बात कर रहे हैं लिज्जत पापड़ की। वैसे तो मार्केट में पापड़ की वैरायटी खूब है लेकिन नजरें लिज्जत पापड़ पर ही आकर रूकती हैं। लिज्जत पापड़ ने इतनी प्रसिद्धि पाई भारत में शायद ही कोई ऐसा होगा जो इस प्रोडक्ट के बारे में ना जानता हो। इसकी कहानी शुरू होती है सात गुजराती सहेलियां से जिन्होंने ₹80 उधार लेकर यह कारोबार शुरू किया। लिज्जत पापड़ की संस्थापक:-       - जसवंतीबेन जमनादास पोपट       - पार्वतीबेन रामदास थोड़ानी       - उजामबेन नरदादास कुंडलिया       - बानूबेन एन तन्ना     ...
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Amul ऐसा ब्रांड जो आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। Amul तो वैसे बहुत प्रोडक्ट बनाता है। लेकिन सभी प्रोडक्ट की बात करें तो सबसे पहले दिमाग में दूध ही आता है। Amul dairy के ज्यादातर प्रोडक्ट दूध से ही बने होते हैं और यह तो सभी को पता है दूध से बनी चीजों का जल्दी खराब होने का डर भी रहता है इसलिए Amul dairy अपने प्रोडक्ट की अच्छी क्वालिटी का भी ध्यान रखता है। भारत में शायद ही कोई घर ऐसा हो जो Amul का कोई प्रोडक्ट यूज ना करता हो। Amul की स्थापना 14 दिसंबर 1946 मैं एक डेरी यानी दुग्ध उत्पाद के सहकारी आंदोलन के रूप में हुई थी। इसका मूल आणद (गुजरात) में है। Amul एक ब्रांड है जो गुजरात सहकारी दूध उत्पादक संघ नाम की सरकारी संस्था के प्रबंधन में चलता है। Amul के बनाए प्रोडक्ट की बात करें तो दूध, दूध पाउडर, बटर, चॉकलेट, चीज, दही, आइसक्रीम, श्रीखंड, गुलाब जामुन, पनीर, न्यूट्रामुल आदि प्रोडक्ट बनाता है। Amul शब्द का अर्थ:- Amul शब्द का अर्थ आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड है। Amul dairy के मालिक (संस्थापक)  वर्गीज कुरियन ( Verghese Kurien ) और त्रिभुवदास किशीभाई पटेल ( Tribhuvandas Kishibhai P...

क्या आप जानते हैं बोरोलीन क्रीम का नाम उसको बनाने वाले फॉर्मूले से ही बना है

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बोरोलिन बोरोलिन एंटीसेप्टिक क्रीम ब्रांड बहुत पुराना है शायद कुछ लोग भूल भी चुके होंगे लेकिन मार्केट में क्रीम  कि इतनी वैरायटी होने के बावजूद बोरोलिन क्रीम की अपनी एक खास जगह है। मार्केट में नए-नए क्रीम के ब्रांड आ रहे हैं लेकिन बोरोलीन की खासियत ही है जो लोग बोरोलीन को एंटीसेप्टिक क्रीम के तौर पर यूज करते हैं वह इसे छोड़ना पसंद नहीं करते। आज भी इस हरे रंग  ट्यूब वाली क्रीम की अलग ही पहचान है। बोरोलिन भारत में बिकने वाली एंटीसेप्टिक सुगंधित क्रीम है। इस हिंदुस्तानी क्रीम का निर्माण  एक हिंदुस्तानी द्वारा किया गया है। जिनका नाम है गौर मोहन दत्त। बात 1929 की है जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेजी शासन होने के कारण स्वदेशी चीजें को बढ़ावा ना देकर विदेशों से समान मंगवाया जाता था। बोरोलिन सिर्फ एक क्रीम नहीं थी बल्कि अंग्रेजों को मुंह तोड़ जवाब देने का एक जरिया भी था। विदेशी  समान का विरोध करना और हर भारतीय तक यह क्रीम पहुंचाना यह उनका मकसद था। बोरोलिन का निर्माण 1929 में गौर मोहन दास द्वारा उनकी कंपनी जी.डी. फार्मा प्राइवेट लिमिटेड(G.D. Pharmaceuticals Pvt. Ltd....

लूलू मॉल का मालिक कौन है, लूलू मॉल कहाँ है और लूलू मॉल का मतलब क्या है | what is meaning of lulu mall, where is lulu mall located and who is lulu mall owner

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  लुलु मॉल (लुलु ग्रुप) UAE के नागरिक हैं लुलु ग्रुप के मालिक लुलु नाम का अर्थ UAE के शेख को भा गए यूसुफ 57000 लोगों को रोजगार अबूधाबी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित आजकल हम छोटी-बड़ी हर चीजों के लिए मॉल पर डिपेंड हैं। कपड़े हो, ग्रॉसरी आइटम, घर की जरूरत का या सजावट का सामान, ये सब लेने के लिए हम मॉल की तरफ ही भागते हैं, कुछ नहीं तो छुट्टी वाले दिन फ्रेंड्स के साथ घूमने या फैमिली के साथ घूमने मॉल का ही रुख करते हैं। भारत में छोटे-बड़े कई मॉल है। जिनमें लूलू मॉल का नाम सुर्ख़ियों मैं आया। तब भारत के लोगो मैं जिज्ञासा हुई की लूलू मॉल का मालिक कौन है, लूलू मॉल कहाँ है और लूलू मॉल का मतलब क्या है। आपके सभी सवालों का जवाब इस पोस्ट मैं मिल जाएगा लुलु ग्रुप एक इंटरनेशनल बहुराष्ट्रीय कंपनी है, और यह एशिया की सबसे बड़ी खुदरा कंपनियों में से एक है। यह ग्रुप सुपरमार्केट, रिटेल स्टोर, डिपार्टमेंट स्टोर, शॉपिंग मॉल और हाइपर मार्केट सेगमेंट में काम करती हैं। कंपनी कई तरह का कारोबार करती है जैसे फ्रूट, सब्जी, दालें, चावल, फुटवियर, सिल्क एक्सपोर्ट, गारमेंट आदि।  लुलु ग्रुप के 5 मॉल को...

लखानी के दो मालिक | फरीदाबाद की लखानी का इतिहास

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  लखानी फुट वियर निर्माता कंपनी "लखानी" यह नाम कोई नया नहीं है। इस कंपनी की सैंडल हवाई चप्पल जूते आपने भी जरूर पहने होंगे। लखानी कंपनी की स्थापना 1982 में की गई। बढ़िया क्वालिटी होने के कारण इस कंपनी के स्पोर्ट्स, सैंडल, कैनवास, जूते, चप्पल लोगों में खूब पसंद किए जाते हैं। लखानी बीच स्लीपर का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर है और यह एडीडास कंपनी के साथ मिलकर स्पोर्ट्स शूज का निर्माण भी कर रही है। लखानी कंपनी का पूरा नाम:- लखानी कंपनी का पूरा नाम लखानी फुटवियर प्राइवेट लिमिटेड है। इसके संस्थापक के.सी. लखानी है। लखानी फुटवियर कंपनी भारत की बड़ी कंपनियों में से एक है। इसका मुख्यालय फरीदाबाद हरियाणा में है। यह कंपनी लखानी अरमान ग्रुप के नाम से पेटेंट कंपनी है। लखानी अरमान ग्रुप के संस्थापक के.सी. लखानी की मेहनत लगन का नतीजा है कि कंपनी आज यहां इतने बड़े मुकाम पर पहुंची हुई है। लखानी  के मालिक:- लखानी के मालिक के.सी. लखानी है और लखानी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन भी है। लखानी का इतिहास:- 1966 में परमेश्वर दयाल लखानी ने लखानी की स्थापना की। जो एक मेक इन इंडिया फुटवियर कंपनी है। 1966 में ...

गोदरेज के मलिक का पहला काम बिजनेस सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स बनाना | Is godrej an indian company

  गोदरेज गोदरेज कंपनी का मालिक पहला बिजनेस सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट बनाना ताले और अलमारी का व्यापार शुरू करना गोदरेज की फुल फॉर्म गोदरेज कंपनी के प्रोडक्ट  गोदरेज के नाम अवार्ड गोदरेज और इसरो यह साझेदारी गोदरेज आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। गोदरेज के बनाए प्रोडक्ट हर घर में किसी ना किसी रूप में यूज होते हैं और लोगों को काफी पसंद भी आते हैं।  गोदरेज एक भारतीय कंपनी है और इसका मुख्यालय मुंबई में है । यह कंपनी घर की जरूरतों का सामान बनाती है । जैसे तेल, साबुन, टूथब्रश, क्रीम आदि । गोदरेज के बनाए प्रोडक्ट की बात करें तो सबसे पहले ध्यान मेंअलमीरा और फ्रिज ही आते हैं।। गोदरेज लोगों में बहुत लोकप्रिय है। गोदरेज कंपनी का मालिक:- गोदरेज ग्रुप की शुरुआत भारतीय समुदाय से आए आर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा गोदरेज ने की थी। फर्म की स्थापना 1897  में मुंबई महाराष्ट्र में हुई थी। इस कंपनी में करीब 28000 कर्मचारी काम करते हैं। आर्देशिर के जीवन का लक्ष्य बिजनेस नहीं था। उन्होंने लॉ की पढ़ाई की थी। लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद कंपनी ने इन्हें केस लड़ने के लिए अफ्रीका भेजा पर जल्द ही वह अफ़्...