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एंबेसडर कार की कहानी | एंबेसडर क्यों बंद हुई

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  एंबेसडर कार हिंदुस्तान मोटर्स के मालिक एंबेसडर कार की कहानी मेक इन इंडिया इंडियन रोड का राजा एंबेसडर कार के मॉडल  बेस्ट टैक्सी का किताब एंबेसडर कार की कीमत एंबेसडर ने दिया हिंदुस्तान को पहला कार प्लांट एंबेसडर क्यों बंद हुई पहली स्वदेशी कार का सौदा वीवीआईपी लोगों की पहली पसंद एंबेसडर कार एंबेसडर कार दुनिया में किसी चीज के बदलाव में समय का बड़ा योगदान रहता है। वाहनों की दुनिया में  कई कारें आई और सब ने अपनी जगह बनाए और इन सब में सबसे खास थी एंबेस्डर कार। इसका निर्माण हिंदुस्तान मोटर्स द्वारा किया गया। एंबेसडर कार का इतिहास आजादी से पुराना है । हिंदुस्तान एम्बेसडर अपने टाइम की सबसे लोकप्रिय कार थी। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ लोगों ने इसे मॉडिफाइड करा कर अपने घर के गिराज में आज भी संभाल कर रखा हुआ है । सिर्फ 14000 की इस कार ने अपने  समय मैं धूम मचा राखी थी  । वीवीआईपी लोगों से लेकर टैक्सी तक में इस गाड़ी ने अपनी जगह बना राखी थी। लाल, नीली, पीली बत्ती लगी एंबेसडर कार जिस की सवारी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे वीवीआइपी...

Vicco Cream भारतीय बाजार का पहला हर्बल प्रोडक्ट | Full Form Vishnu Industrial Chemical Company

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विको टरमरिक, नहीं कॉस्मेटिक, विको टरमरिक आयुर्वेदिक क्रीम Vicco Cream- भारतीय बाजार का पहला हर्बल प्रोडक्ट विको ग्रुप की शुरुआत पहला प्रोडक्ट घर घर जाकर मार्केटिंग  विको की फुल फॉर्म विको के अन्य प्रोडक्ट टूथ पाउडर के बाद टूथपेस्ट के एंट्री विको क्रीम को मार्केट में लाना मार्केटिंग स्ट्रेटजी सबसे चर्चित विज्ञापन विको के नाम अवार्ड विको क्रीम किस चीज से बनी है विको क्रीम की कानूनी जंग Vicco Cream- भारतीय बाजार का पहला हर्बल प्रोडक्ट लोगों में आयुर्वेदिक और  हर्ब्स प्रोडक्ट को लेकर ज्यादा जागरूकता है। अगर आयुर्वेदिक और स्वदेशी प्रोडक्ट की बात की जाए तो बाबा रामदेव का नाम ही ध्यान में आता है । लेकिन देश को पहला आयुर्वेदिक व हर्बल प्रोडक्ट मिला सन 1952 में। "विको टरमरिक, नहीं कॉस्मेटिक, विको टरमरिक आयुर्वेदिक क्रीम'' यह जिंगल किसे याद नहीं होगा अपने जमाने का मशहूर विज्ञापन, जी आप सही समझे हम बात कर रहे हैं विको की।    विको ग्रुप की शुरुआत विको ग्रुप की  शुरुआत सन 1952 में हुई । इसकी नीव केशव पेंढरकर ने डाली थी।  केशव की नागपुर में एक राशन की दुकान हुआ करती...

Hmt की घड़ी में सोने का बिस्किट लगा होता था | एचएमटी कंपनी कब बंद हुई

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  Hmt घड़ियां Hmt घड़ियां Hmt की शुरुआत Hmt के मॉडल्स Hmt घड़ी के साथ प्रतिस्पर्धा सोने की बिस्किट लगी घड़ी गांधी घड़ी आर्मी कैंटीन में भी इसका इंतजार Hmt ट्रैक्टर Hmt घड़ी बंद होने के कारण 2016  में भारत सरकार द्वारा इस कंपनी को ताला ’ Hmt घड़ियां Hmt की घड़ियां भारत में काफी फेमस थी । Hmt की कहानी तब शुरू होती है जब घड़ी खरीदी नहीं कमाई जाती थी। Hmt की घड़ी हाथ में पहनना या अपने सूट की जेब में रखना शान की बात मानी जाती थी। विवाह के मौके पर वर-वधू को उपहार में,  परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन आने पर,  कुछ लोगों को अपने बड़ों से आशीर्वाद के रूप में मिलती थी,  Hmt की घड़ी पहनना स्टेटस सिंबल माना जाता था। लेकिन वक्त की रफ्तार के साथ Hmt नहीं चल पाई और एक समय ऐसा आया वह बंद हो गई । Hmt - की फुल फॉर्म:- (Hmt) - हिंदुस्तान मशीन टूल्स Hmt के मालिक:- Hmt किसी व्यक्ति की कंपनी नहीं है Hmt को भारत सरकार द्वारा 1953 में शुरू किया गया । शुरुआत में कंपनी मशीन के टूल्स बनाती थी। Hmt की शुरुआत Hmt की घड़ियां भारत में काफी फेमस थी। Hmt शुरू से घड़ियां नहीं बना रही थी। घड़ी के अलाव...

आपको बिनाका टूथ पेस्ट के साथ आने वाले खिलोने याद है क्या | कितने साल पहले आता था बिनाका टूथ पेस्ट | बिनाका टूथ पेस्ट के खिलौने

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  अपने समय का एक मशहूर टूथपेस्ट ब्रांड बिनाका का पब्लीसिटी स्टंट बिनाका गीतमाला मार्केटिंग रणनीति ( टूथपेस्ट में खिलौने) कहां गया इतना लोकप्रिय टूथपेस्ट बिनाका बिनाका क्या है अपने समय का एक मशहूर टूथपेस्ट ब्रांड। बिनाका को  Reckitt Benckiser ने सन 1951 में लांच किया था । जो FMCG उत्पादन में बड़ी हस्ती के रूप में पहचाने जाते थे। बिनाका एक ओरल हाइजीन ब्रांड था। 1970 में कोलगेट को उस समय के ब्रांड फॉरेन सौर मैक्सलिंक से जूझना पड़ रहा था तब बिनाका भारत के सबसे मशहूर टूथपेस्ट ब्रांड में से एक था।  बिनाका टूथपेस्ट की पैकेजिंग पर  नीरजा भगोट (एयर होस्टेस) की तस्वीर हुआ करते थे । बिनाका का पब्लीसिटी स्टंट।  आज के दौर में बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पादों को बाजार में अधिक से अधिक प्रचलित करने के लिए अलग-अलग तरह के प्रचारओं का सहारा लेती है  । और आज के युग के मीडिया और मल्टीमीडिया के माध्यमों को इस्तेमाल करती हैं। वहीं 1970 के दशक में इस प्रकार के साधनों की उपलब्धता नहीं थी और कंपनियों को अपने उत्पादों का तेजी से प्रचार करना संभव नहीं था तब उस समय के मीडिया के माध्यम...

पारले जी कंपनी की शुरुआत कब हुई और मालिक कौन है | क्या आपको पता है Parle-g दुनिया का सबसे जयादा बिकने वाला बिस्किट है | पारले जी कंपनी कितने साल पुरानी है

Parle-g का सफर टेस्टी हेल्थी फ़ूड दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला  बिस्किट। Parle-g कंपनी शुरुआत Parle-g दुनिया के चौथे नंबर की बिस्किट उपभोक्ता पारले ग्लूकोस से parle-g तक का सफर आजादी के बाद उत्पादन रोकना पड़ा। पोस्टर गर्ल पर बहस और कौन-कौन से हैं parle-g के प्रोडक्ट लॉकडाउन में टूटा 80 साल का रिकॉर्ड नहीं बड़े Parle-g बिस्किट के दाम टेस्टी हेल्थी फ़ूड दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला  बिस्किट।   भारत का शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां पारले जी बिस्किट नहीं आता हो। parle-g सबसे पुराने ब्रांड होने के साथ-साथ भारत में सर्वाधिक बिकने वाला बिस्किट भी है। या बिस्किट सस्ता और स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पूरे भारत में लोकप्रिय है। यह मूल रूप से भारतीय कंपनी है और इस बिस्किट के साथ बहुत से लोग बचपन से जवान और फिर बूढ़े हुए हैं । पारले जी बिस्कुट का इतिहास 1929 से चला आ रहा है। पार्ले कंपनी की शुरुआत एक बंद बड़ी फैक्ट्री से हुई जो मुंबई के विलेपार्ले नामक इलाके में थी। शुरू में यह कंपनी केक पेस्ट्री और कुकीज बनाकर बेचा करते थी। उस समय मार्केट में बिस्किट की अच्छी डिमांड थी जिन्हें ब...