आपको बिनाका टूथ पेस्ट के साथ आने वाले खिलोने याद है क्या | कितने साल पहले आता था बिनाका टूथ पेस्ट | बिनाका टूथ पेस्ट के खिलौने
अपने समय का एक मशहूर टूथपेस्ट ब्रांड
बिनाका का पब्लीसिटी स्टंट
बिनाका गीतमाला
मार्केटिंग रणनीति (टूथपेस्ट में खिलौने)
कहां गया इतना लोकप्रिय टूथपेस्ट बिनाका
बिनाका क्या है
अपने समय का एक मशहूर टूथपेस्ट ब्रांड।
बिनाका को Reckitt Benckiser ने सन 1951 में लांच किया था । जो FMCG उत्पादन में बड़ी हस्ती के रूप में पहचाने जाते थे। बिनाका एक ओरल हाइजीन ब्रांड था। 1970 में कोलगेट को उस समय के ब्रांड फॉरेन सौर मैक्सलिंक से जूझना पड़ रहा था तब बिनाका भारत के सबसे मशहूर टूथपेस्ट ब्रांड में से एक था।
बिनाका टूथपेस्ट की पैकेजिंग पर नीरजा भगोट (एयर होस्टेस) की तस्वीर हुआ करते थे ।
बिनाका का पब्लीसिटी स्टंट।
आज के दौर में बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पादों को बाजार में अधिक से अधिक प्रचलित करने के लिए अलग-अलग तरह के प्रचारओं का सहारा लेती है । और आज के युग के मीडिया और मल्टीमीडिया के माध्यमों को इस्तेमाल करती हैं। वहीं 1970 के दशक में इस प्रकार के साधनों की उपलब्धता नहीं थी और कंपनियों को अपने उत्पादों का तेजी से प्रचार करना संभव नहीं था तब उस समय के मीडिया के माध्यम रेडियो को इस्तेमाल करते हुए कंपनी ने बिनाका टूथपेस्ट के प्रचार के लिए एक अलग ही तरीका अपनाया। और कंपनी ने रेडियो पर एक साप्ताहिक संगीत कार्यक्रम बिनाका गीतमाला की शुरुआत की इस कार्यक्रम में उस दौर के गानों की लोकप्रियता के आधार पर श्रेष्ठता की प्रतिस्पर्धा को दर्शाया जाता था, और इस कार्यक्रम मे बिनाका ब्रांड की पब्लिसिटी की मार्केटिंग रणनीति जाती थी। यह कार्यक्रम अपने समय में इतना प्रचलित हुआ कि इसने भारत में 4 दशकों तक लोगों का मनोरंजन किया।
बिनाका गीतमाला
"जी हां भाइयों बहनों" - अमीन सयानी की आवाज में बोले गए यह वह शब्द है जिनके लिए भारत के कोने-कोने से लोग बुधवार शाम को अपने रेडियो से कान लगा कर बैठ जाते थे।
आज भारत में अनेकों निजी एफएम चैनलों की भीड़ है और उनमें इस प्रकार के अनेकों कार्यक्रम भी आते हैं। लेकिन लोगों में बिनाका गीतमाला प्रोग्राम को सुनने का जो जुनून था उसका कोई मुकाबला नहीं है । आज के प्रोग्राम बिनाका गीतमाला की लोकप्रियता के मुकाम के आसपास भी नहीं दिखाई देते हैं। 1970 में बिनाका कंपनी ने रेडियो पर बिनाका गीतमाला कार्यक्रम को प्रायोजित किया था और इस कार्यक्रम ने चार दशकों तक अमीन सयानी की आवाज के साथ भारत में अपना एक मुकाम बनाए रखा। इस प्रोग्राम ने भारत के लाखों दिलों पर राज किया और बिनाका टूथपेस्ट को भी घर-घर तक पहुंचाया।
मार्केटिंग रणनीति (टूथपेस्ट में खिलौने)
कंपनी ने टूथपेस्ट के साथ मुफ्त में खिलौने वाटरप्रूफ स्टीकर भी दिया । जिससे वह बच्चों के बीच काफी पसंद किए जाने वाला उत्पाद बन गया साथी ब्रांड की एक और मार्केटिंग स्ट्रेटजी थी। मार्केट में स्टीकर या अपने आप चिपकने वाले टेप नहीं आए थे। तब इस ब्रांड ने वाटर पिक्चर स्टीकर उतारा था।
कहां गया इतना लोकप्रिय टूथपेस्ट बिनाका
जब गीतमाला कार्यक्रम बंद हुआ उसके बाद बिनाका तो जैसे बाजार से गायब ही होने लगा। सन 1996 में भारत के 1 मशहूर ब्रांड ने बिनाका को खरीद लिया । और यह कंपनी थी डाबर। कहा जाता है कि इसके पीछे कंपनी का उद्देश्य भारतीय बाजार में अपने एक सफेद दंत मंजन को स्थापित करना था। इसलिए कंपनी ने बिना का नाम से टूथ पाउडर भी लॉन्च किया लेकिन वह 1 साल के बाद ही कम बिक्री होने के कारण बंद कर दिया गया।
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