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7 महिलाओं द्वारा मात्र ₹80 में शुरू किया गया यह कारोबार देश में 5 करोड़ों कमा रहा है। लिज्जत पापड़

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  लिज्जत पापड़ आज मार्केट, सुपरमार्केट आप कहीं भी घूमने जाएं दुनियाभर के प्रोडक्ट देखने को मिलते हैं। इन प्रोडक्ट को बनाने वाले लोगों के भी अपनी कहानी अपना इतिहास है लेकिन आज हम जिस प्रोडक्ट की बात कर रहे हैं उसको बनाने बाला कोई बड़ी हस्ती नहीं बल्कि कुछ महिलाओं है।  अपने समय का मशहूर विज्ञापन ""कुर्रम, कुर्रम, कुर्रम, कुर्रम, ।। स्वाद, स्वाद में लिज्जत लिज्जत पापड़"" हम बात कर रहे हैं लिज्जत पापड़ की। वैसे तो मार्केट में पापड़ की वैरायटी खूब है लेकिन नजरें लिज्जत पापड़ पर ही आकर रूकती हैं। लिज्जत पापड़ ने इतनी प्रसिद्धि पाई भारत में शायद ही कोई ऐसा होगा जो इस प्रोडक्ट के बारे में ना जानता हो। इसकी कहानी शुरू होती है सात गुजराती सहेलियां से जिन्होंने ₹80 उधार लेकर यह कारोबार शुरू किया। लिज्जत पापड़ की संस्थापक:-       - जसवंतीबेन जमनादास पोपट       - पार्वतीबेन रामदास थोड़ानी       - उजामबेन नरदादास कुंडलिया       - बानूबेन एन तन्ना     ...
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Amul ऐसा ब्रांड जो आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। Amul तो वैसे बहुत प्रोडक्ट बनाता है। लेकिन सभी प्रोडक्ट की बात करें तो सबसे पहले दिमाग में दूध ही आता है। Amul dairy के ज्यादातर प्रोडक्ट दूध से ही बने होते हैं और यह तो सभी को पता है दूध से बनी चीजों का जल्दी खराब होने का डर भी रहता है इसलिए Amul dairy अपने प्रोडक्ट की अच्छी क्वालिटी का भी ध्यान रखता है। भारत में शायद ही कोई घर ऐसा हो जो Amul का कोई प्रोडक्ट यूज ना करता हो। Amul की स्थापना 14 दिसंबर 1946 मैं एक डेरी यानी दुग्ध उत्पाद के सहकारी आंदोलन के रूप में हुई थी। इसका मूल आणद (गुजरात) में है। Amul एक ब्रांड है जो गुजरात सहकारी दूध उत्पादक संघ नाम की सरकारी संस्था के प्रबंधन में चलता है। Amul के बनाए प्रोडक्ट की बात करें तो दूध, दूध पाउडर, बटर, चॉकलेट, चीज, दही, आइसक्रीम, श्रीखंड, गुलाब जामुन, पनीर, न्यूट्रामुल आदि प्रोडक्ट बनाता है। Amul शब्द का अर्थ:- Amul शब्द का अर्थ आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड है। Amul dairy के मालिक (संस्थापक)  वर्गीज कुरियन ( Verghese Kurien ) और त्रिभुवदास किशीभाई पटेल ( Tribhuvandas Kishibhai P...

क्या आप जानते हैं बोरोलीन क्रीम का नाम उसको बनाने वाले फॉर्मूले से ही बना है

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बोरोलिन बोरोलिन एंटीसेप्टिक क्रीम ब्रांड बहुत पुराना है शायद कुछ लोग भूल भी चुके होंगे लेकिन मार्केट में क्रीम  कि इतनी वैरायटी होने के बावजूद बोरोलिन क्रीम की अपनी एक खास जगह है। मार्केट में नए-नए क्रीम के ब्रांड आ रहे हैं लेकिन बोरोलीन की खासियत ही है जो लोग बोरोलीन को एंटीसेप्टिक क्रीम के तौर पर यूज करते हैं वह इसे छोड़ना पसंद नहीं करते। आज भी इस हरे रंग  ट्यूब वाली क्रीम की अलग ही पहचान है। बोरोलिन भारत में बिकने वाली एंटीसेप्टिक सुगंधित क्रीम है। इस हिंदुस्तानी क्रीम का निर्माण  एक हिंदुस्तानी द्वारा किया गया है। जिनका नाम है गौर मोहन दत्त। बात 1929 की है जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेजी शासन होने के कारण स्वदेशी चीजें को बढ़ावा ना देकर विदेशों से समान मंगवाया जाता था। बोरोलिन सिर्फ एक क्रीम नहीं थी बल्कि अंग्रेजों को मुंह तोड़ जवाब देने का एक जरिया भी था। विदेशी  समान का विरोध करना और हर भारतीय तक यह क्रीम पहुंचाना यह उनका मकसद था। बोरोलिन का निर्माण 1929 में गौर मोहन दास द्वारा उनकी कंपनी जी.डी. फार्मा प्राइवेट लिमिटेड(G.D. Pharmaceuticals Pvt. Ltd....